February 2013
कुम्भ्ा मेले में विश्वशान्ति वृक्षारोपण
१५ अगस्त को तीन मांगलिक कार्य एकसाथ सम्पन्न किये गये। स्वामी जी के जन्म दिवस के अगले दिन भारत के स्वाधीनता दिवस पर स्वामी जी ने अपने ६६वें और ६७वें वृक्षों का आरोपण किया।
मैं जो भी कहता हूं वह महाप्रभुजी के ही शब्द हैं । वेदों और उपनिषदों में जो कहा गया है वह महाप्रभुजी ने कहा है । मेरी इच्छा आप सब को केवल शरीर से ही स्वस्थ व सुन्दर बनाने की नहीं है, मैं तो आपको जन्म मरण के बन्धन से ही छुटकारा दिलाना चाहता हूँ । मेरा प्रयास आपके समस्त कर्मों को ही काट देने का है । मैं उस सबसे बडे वकील से आपकी वकालत कर रहा हूं और करता रहूंगा कि जब आप इस संसार से जाएं तो आप खाली हाथ न जायें उस समय आपके साथ असली ज्ञान की ज्योति भी हो जो आपको परम प्रभु से मिला दे ।