पद राग साहनी न॰ १८
आज सुहागण श्याम पद धारे।
आनन्द मंगल होय रह्या ये॥टेर॥
लुल लुल नमन करुँ नारायण।
सनमुख दरशण होय रह्या ये॥१॥
प्रसन्न हुई पार ब्रह्म परस्या।
दरशन दिया दिल उमंग रह्या ये॥२॥
हरस हुई हाजर हरि चरणा।
आज काज सब सफल भया ये॥३॥
भव भञ्जन श्री सत गुरु स्वामी।
श्री देवपुरी अवतार लिया ये॥४॥
श्री दीप कहे मम भाग सखीरी।
निज नेणा से प्रभु निरख लिया ये॥५॥