पद राग धना श्री सारंग नं॰ ९१
पदमण चालो सा, हमारे घर देश॥टेर॥
अमर सौभाग भाग बडभागण, हम तुम अमर हमेश।
स्वयम् प्रकाशी अज अविनाशी, तेज पुंज ज्यांरों गेश॥१॥
सच्चिदानन्द केवल पद भूमा, सुमिरे शेष महेश।
परम सुखदा है अटल आनन्दा, सुखिया सर्व रहेश॥२॥
अखण्ड उजाला है परम विशाला, फिर नहीं जनम धरेश।
बेनामी है परब्रह्म स्वामी, श्री स्वामी दीप आदेश॥३॥