विश्वगुरु परमहंस श्री स्वामी महेश्वरानंद जी ने वसंत ऋतु के आखरी दिनों में भारत रुके अपने आश्रमों और अपने भक्तों के साथ।
जहा उन्होंने अपनी कृपा और आशीर्वाद सभी सामान रूप से दिया चाहे वो इंसान हो चाहे वो जानवर।
जैसा की हमेशा होता हैं जब भी गुरुदेव कही जाते हैं तो उनका स्वागत वहां के स्थानीय लोगो द्वारा बहुत ही प्रेम पूर्वक किया जाता हैं। हर बार की तरह इस बार भी ऐसा ही हुआ जब गुरुदेव निपल आश्रम पहुंचे।
वहां से पास ही के गाँव सरथुर के स्थानीय निवासियों ने भरपूर प्रेम और आनंद के साथ गुरुदेव का स्वागत किया।
विरले ही हैं जो जानते है की सच्चे सद्गुरु का दर्शन क्या होता है।