December 2018
स्त्रिल्की आश्रम मे विश्वगुरुजी का संबोधन- 2018
14 - 16 December 2018
विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामि महेशवरानन्द जी वर्ष २०१८ के अन्तिम सप्ताह युरोप के चेक-गणराज्य, स्त्रिल्की मे कई व्यसत कार्य-क्रमो मे बिताया.
मैं जो भी कहता हूं वह महाप्रभुजी के ही शब्द हैं । वेदों और उपनिषदों में जो कहा गया है वह महाप्रभुजी ने कहा है । मेरी इच्छा आप सब को केवल शरीर से ही स्वस्थ व सुन्दर बनाने की नहीं है, मैं तो आपको जन्म मरण के बन्धन से ही छुटकारा दिलाना चाहता हूँ । मेरा प्रयास आपके समस्त कर्मों को ही काट देने का है । मैं उस सबसे बडे वकील से आपकी वकालत कर रहा हूं और करता रहूंगा कि जब आप इस संसार से जाएं तो आप खाली हाथ न जायें उस समय आपके साथ असली ज्ञान की ज्योति भी हो जो आपको परम प्रभु से मिला दे ।