श्री देवपुरीजी आश्रम
गाँव कैलाश, ३३२६०१
जिला सीकर, राजस्थान, भारत
संत परम योगेश्वर श्री देवपुरीजी कई वर्षो तक इस आश्रम में रहते थे। आश्रम में शान्ति का प्रभाव महसूस होता है और अनुभव होता है कि श्री देवपुरी जी अभी भी यहा विद्यमान हैं।
लीला अमृत में लिखा है:
योगीराज श्री देवपुरीजी महाराज ने कैलाश पहुंचकर गांव वालों के समक्ष आश्रम बनाने की इच्छा प्रकट की। गांव वालों ने अपना सौभाग्य माना। समस्त गांव वाले योगीराज के पास आये और कहने लगे, ''गुरुदेव, यह तो हमारा अहोभाग्य है कि आपने हमारे गांव में आश्रम बनाने की इच्छा प्रकट की। हम लोग हाथ जोड़कर निवेदन करते हैं कि आप आज्ञा करें। आपके आदेशानुसार हम व्यवस्था कर देंगे। हमें सेवा करने का शुभ अवसर प्रदान करें।'' योगीराज ने वहां पर अति सुन्दर आश्रम बनाया। नसीराबाद छावनी से योगीराज जो कुछ भी धन लेकर आये थे वह सम्पूर्ण धन उस आश्रम में लगा दिया। यह रमणीक आश्रम दो मंजिल का बना। वहां के प्रसिद्ध कारीगरों ने इसे बनाकर अपनी कला का अति उत्तम प्रदर्शन प्रस्तुत किया। चारों तरफ से हवादार, प्रकाशयुक्त बने इस आश्रम के बीच में वेद विधियुक्त एक विशाल तथा सुन्दर हवन कुण्ड स्थापित किया गया जिसमें अखण्ड हवन चलता ही रहता था। उस आश्रम में स्वयं शिवरूप योगीराज ने रामायण की कथा आरम्भ की। आपकी कथा अतिरोचक व मनोहर होती थी।
श्री देवपुरीजी आश्रम
गाँव कैलाश, ३३२६०१
जिला सीकर, राजस्थान, भारत
GPS: 27.347912, 75.332290